Champa rautela

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जिंदगी की कुछ बातें

वोह टूटी चप्पल मेरी 


कुछ यूं हुआ सफ़र से घर लौट रही थी, 
बस्ता थामे रास्ते पार ले रही थी, 
कुछ दूरी को देखते, 
चप्पल को थकान लग आयी थी, 
फ़िर कुछ देर बाद चप्पल रास्ते में रहने को आयी थी, 
वोह टूटी चप्पल मेरी, 
अब घर को नहीं लौटना चाहती थी, 
बढ़ी मुश्किल से समझाया, 
सफ़र को कुछ मिंटो का बताकर, 
कहीं दूर बैठे मोची तक पहुंचना,
लाज़मी पाया, 
एक  नजर बस की ओर , 
दूसरी चप्पल पर लगती सिलाई पर थी, 
बस कुछ मिनट ओर, 
दिल को समझाया, 
ओर बस में जाकर बैठ गयी,,,

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3 Comments

Abhinav ji

21-Sep-2022 08:03 AM

Nice

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👌🏼 👌🏼 👌🏼 👌🏼

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Raziya bano

14-Sep-2022 10:27 AM

बहुत खूब

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